भारतीय वायु सेना का नया लक्ष्य: 2047 तक पूरी स्वदेशी सामग्री
भारतीय वायु सेना (IAF) ने 2047 तक अपनी पूरी सामग्री को स्वदेशी बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। यह निर्णय भारत के स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में लिया गया है। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल VR चौधरी ने इस बात की जानकारी दी, जिसमें उन्होंने स्वदेशी रक्षा उत्पादन की आवश्यकता और महत्व पर जोर दिया।
वर्तमान में, भारतीय वायु सेना कई विदेशी उपकरणों पर निर्भर है, लेकिन स्वदेशी तकनीक के विकास के साथ इसे धीरे-धीरे कम करने का प्रयास किया जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभिन्न रक्षा अनुसंधान और विकास परियोजनाएँ चल रही हैं, जिनमें एयरक्राफ्ट, ड्रोन और मिसाइल तकनीक शामिल हैं।
IAF का मानना है कि स्वदेशी उत्पादन से न केवल लागत में कमी आएगी, बल्कि यह देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा। वायु सेना प्रमुख ने बताया कि भारतीय उद्योग के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे आने वाले वर्षों में एक मजबूत और स्वदेशी वायु सेना का निर्माण संभव हो सके।